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पाकिस्तानी धर्मगुरु ने कहा- भगवान के लिए ये दुश्मनी भूल जाएं भारत-PAK

करीब डेढ़ साल पहले एक जनआंदोलन के जरिए नवाज शरीफ सरकार को हिला कर रख देने वाले कादरी ने आतंकवाद और अलगाववाद की मुख्य जड़ गरीबी है.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

जाने-माने पाकिस्तानी धर्मगुरु और बेहतरीन वक्ता मोहम्मद ताहिर उल कादरी ने रविवार को वर्ल्ड सूफी फोरम में भारत-पाकिस्तान के संबंधों को सुधारने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान का कॉमन दुश्मन है.

उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में सूफिज्म का बड़ा रोल है. कादरी ने कहा, 'लोग दुश्मन नहीं हैं. यह लड़ाई खत्म होनी ही है. ऐसा तब संभव है जब सरकारें शांति कायम रखने और गरीबी मिटाने की दिशा में बजट का इस्तेमाल करेंगी. मैं भारत-पाकिस्तान की सरकारों से अपील करता हूं कि गरीबी मिटाने के लिए प्रयास करें, दुश्मनी भूल जाएं.'

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'क्या हमेशा दुश्मन बने रहेंगे भारत-PAK'
भारत-पाकिस्तान के सबंधों पर उन्होंने कहा, 'आजादी मिले हुए करीब 70 साल होने को हैं. इस बीच चार युद्ध हुए. क्या भारत और पाकिस्तान हमेशा दुश्मन बने रहना चाहते हैं? भगवान के लिए यह दुश्मनी खत्म कर दीजिए और अपने बजट का इस्तेमाल शांति कायम करने के लिए करें.'

'राजनीतिक पार्टियों का समर्थन पाते हैं आतंकी'
करीब डेढ़ साल पहले एक जनआंदोलन के जरिए नवाज शरीफ सरकार को हिला कर रख देने वाले कादरी ने आतंकवाद और अलगाववाद की मुख्य जड़ गरीबी है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को राजनीतिक दलों और कुछ सामाजिक संगठनों से आश्रय मिलता है, जो उन्हें जघन्य अपराध करने के लिए उकसाते हैं.

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